बच्चों को गोद लेने को बढ़ावा मिला ! |
निःसंतान दम्पत्तियों के लिए अवसर :- समाज में एक और एन.एस.व्ही, टेस्ट ट्यूब बेबी एवं उन्नत तकनीक के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान की ओर अग्रसर हो रही है, वहीं समाज में गोद लेने एवं सुविधाजनक गोपनीय एवं व्यवस्थित Adoption के क्षेत्र में भी दम्पत्तियों की रूचि बढ़ रही है। नवजात शिशुओं का त्याग, अवांछित गर्भ, एवं अवैध संतान समाज में विकत परिस्थितियों में जीवन यापन करें, उसकी अपेक्षा उसे समाज में माता-पिता के साथ न्यायपूर्ण एवं सम्मानित जीवन जीने को मिलता है। जो समाज के लिए एक उन्नत एवं प्रगतिशील कदम है।
लक्ष्य मिलता है जीवन को :- बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन के लड़की को गोद लेने से एक नई परम्परा प्रारम्भ की, जिसे आगे बढ़ाकर फिल्म निर्माता/निर्देशक करण जौहर एवं अन्य व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बन रही है। अब आम नागरिक भी इस दिशा की ओर अपनी सोच आगे बढ़ा रहे है। समृद्ध,विकसित एवं उच्च शिक्षित समाज में सरकारी नौकरियां हो या उच्च स्तरीय व्यवसाय व्यक्ति धन की प्रचुरता होने के पश्चात भी जीवन में अभाव एवं तनावग्रस्त जीवन यापन करता है। एकाकीपन से कभी-कभी लक्ष्य विहीन जीवन अवसाद की स्थिति भी ले आता है। समय पर उचित निर्णय लेने से मनुष्य जीवन तनाव मुक्त होकर सबके साथ सुखी जीवन यापन करने की सोच भी नहीं पाता ! ऐसे में उसे अपने जीवन के बारे में यह सोचना चाहिए।
Social change about child adoption |
बेटी बचाओ! बेटी पढ़ाओ !! |
हर घर में गूंजे किलकारी,
नहीं रहे अब कोई अनाथ !
हर बच्चे को पालक मिले,
तो बाद जाये सबका सम्मान !
माँ को मिले बच्चे का प्यार,
मिले बच्चों को ममता का उपहार !
पिता की छाया मिले और,
मिले घर का संसार !
Nice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंgreat thought
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