मैंने अपना सारा बचपन उनके साथ गुजरा है !
दादाजी होकर भी मुझको दोस्त जैसा सहारा है !!
दिल में बसे हुए हो अब भी लगता नहीं अब चलें गए !
घर में साया बनकर अब भी मन में यूँ ही बसे रहे !!
चलें गए हो हमें छोड़कर सुना-सुना लगता हैं !
आज जन्मदिन है आपका मन को अनमना लगता हैं !!
क्या अब वापिस आ पाओगे ?
मेरा बचपन लौटा पाओगे ??
सारे प्रश्न अधूरे हैं !
इंतज़ार करता हूँ अब भी मन में अभी अंधेरे हैं !
काम आपके पूरे कर लूँ, तब भी स्वप्न अधूरे हैं !!
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