गुलामी की यादें लेकर
आज़ादी का जश्न आ गया !
भगत सिंह की शहादत भुलाकर
भ्रष्टाचरियों का वक्त आ गया !!
तिलक का नारा भूल गया है , ये भारत
दिल में कुछ अरमान जगे वो वक्त आ गया !
नेता अपनी जेबें भर कर चलते हैं
मतदाता के पास जाने का वक्त आ गया !!
ईमान कहाँ सभी का जिन्दा हैं
बेटी तेरे सामने सब शर्मिंदा हैं !
जग को कहाँ सुधरेंगे "हम" खुद ही सुधर जाएँ हम
समझने और समझाने का यह वक्त आ गया !!
गंगा जमनी तहज़ीबें सब साथ चलें, शिक्षा खूब मिले यह संस्कार बने
विश्व गुरु फिर से बनने का वक्त आ गया !
गुलामी की यादें लेकर
आज़ादी का जश्न आ गया !!
आज़ादी का जश्न आ गया !
भगत सिंह की शहादत भुलाकर
भ्रष्टाचरियों का वक्त आ गया !!
तिलक का नारा भूल गया है , ये भारत
दिल में कुछ अरमान जगे वो वक्त आ गया !
नेता अपनी जेबें भर कर चलते हैं
मतदाता के पास जाने का वक्त आ गया !!
ईमान कहाँ सभी का जिन्दा हैं
बेटी तेरे सामने सब शर्मिंदा हैं !
जग को कहाँ सुधरेंगे "हम" खुद ही सुधर जाएँ हम
समझने और समझाने का यह वक्त आ गया !!
गंगा जमनी तहज़ीबें सब साथ चलें, शिक्षा खूब मिले यह संस्कार बने
विश्व गुरु फिर से बनने का वक्त आ गया !
गुलामी की यादें लेकर
आज़ादी का जश्न आ गया !!
👌🏼👌👌
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