पृथ्वी हमसे प्यार करें और
हम उसका अपमान करें !!
नहीं बचेगा कुछ धरती पर जो
प्रकृति से हम खिलवाड़ करें !!
खड़ा हिमालय रक्षक बन कर
उसका क्यों अपमान करें !!
आई तबाही शिव तांडव से
जनता हाहाकार करें !!
तीर्थ बने हैं हिम शिखरों पर
देश का स्वाभिमान बने !!
सूरा सुंदरी के चक्कर में
यहां भी व्यभिचार बढ़े !!
देश का हर कंकर शंकर हैं
कण कण में हैं देव बसे !!
मानव जीवन पाया तुमने
राक्षस कैसे आन बसे !!
अब भी मिला है मौका तुमको
धरती का सम्मान करों !!
खड़ा हिमालय रक्षस बनकर
मन में स्वाभिमान भरो !!
सोने की चिड़िया है भारत उसका
कुछ सम्मान करों !!
धरती नहीं मांगती कुछ भी
वृक्षों से उसकी गोद भरों !!
Nice
ردحذفधन्यवाद
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