नादान बने क्यों बेफिक्र हो ? |
नादान बने क्यों बेफिक्र हो, दुनिया जहान से !
हे सिर पे बोझ भी तुम्हारे, हर लिहाज़ से !!
विनम्रता नहीं आती तो, समय पर ही सीख लो !
कुदरत की सीख बड़ी होती हैं, समय के लिहाज़ से !!
रुकते नहीं है क्षण, चाहे सुख के हो या दुःख के !
हर काम बड़ा होता हैं, वक्त के लिहाज़ से !!
तुम क़द्र करोगे किसी की, तो तुम्हारी भी बढ़ेगी !
इंसानियत जरुरी होती हैं, क़द्र के लिहाज़ से !!
ये रिश्ते बड़े नाजुक है, यूँही टूट जायेंगे !
व्यवहार बड़ी चीज है, रिश्तो के लिहाज से !!
गम साथी है हमारा, मौत तक साथ निभाएगा !
रिश्तो का दर्द ही है, जो जीवन दिलाएगा !!
खुशियां नहीं बिकती, किसी भी बाजार में !
ढूंढो उन्हें अपने ही, जीवन के सार में !!
मिलता हैं सबको रब से, बराबर का सब सामान !
तभी गम की जमीं पर है, खुशियों का आसमान !!
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