![]() |
एक सफर अब चलो ! |
एक सफर अब चलो, हम चाँद के साथ करें।
कैसी होती हैं चाँदनी रात, तहक़ीक़ात करें।।
गाये हम गीत, हाथों में हाथ लिए।
चलों चाँदनी रात में, हम फिर से मुलाक़ात करे।।
एक सफर अब चलो, हम चाँद के साथ करें।
कैसी होती हैं चाँदनी रात, तहक़ीक़ात करें।।
पहले ली थी कसम, जुदा कभी न होने की।
चलो अब मिल के, प्यार का इज़हार करें।।
संग तुम हो तो रात, कुछ और हसीन होती हैं।
चलो हम जाग कर, सुबह का इंतज़ार करें।।
एक सफर अब चलो, हम चाँद के साथ करें।
कैसी होती हैं चाँदनी रात, तहक़ीक़ात करें।।
तुम अगर हो तो, रात पूनम की।
तुम अगर ना हो तो, अमावस का एहसास लगें।।
तुम हो तो, चमन में फूल खिलते हैं।
गर तुम ना हो तो, दिल और दुनिया वीरान लगे।।
एक सफर अब चलो, हम चाँद के साथ करें।
कैसी होती हैं चाँदनी रात, तहक़ीक़ात करें।।
मेरी मेहनतकश ज़िन्दगी का, आधार हो तुम।
ज़िन्दगी के हर पल में, ये साथ गुलज़ार लगे।।
एक सफर अब चलो, हम चाँद के साथ करें।
कैसी होती हैं चाँदनी रात, तहक़ीक़ात करें।।
ليست هناك تعليقات:
إرسال تعليق