रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए ! |
रक्षा का संकल्प, मातृभूमि से करना चाहिए !
गौरवशाली इस धरा को, गौरवपूर्ण करना चाहिए !!
आज़ादी अधिकार हमारा, लगता प्राणों से प्यारा हैं !
फिरंगी को देश से भागकर, फिर तिरंगा लहराया है !!
माताओं ने दे दी क़ुरबानी अपने लालों की |
माताओं ने दे दी क़ुरबानी, अपने लालों की !
समझ न पाया देश हमारा, बातें फुट-बंटवारे की !!
गाँधी जी ने मार्ग अहिंसा का, यूँ ही अपनाया था !
जवानों की क़ुरबानी को, अपने मन से नकारा था !!
मातृ भूमि को वीरों और शहीदों का सम्मान मिला ! |
जंग ए आज़ादी को हर तरफ से मान मिला !
भारत भूमि को वीरों और शहीदों का सम्मान मिला !!
मात मिली हैं हमकों, सदा अपने ही गद्दारों से !
रहा देश का मान, "तिलक" "भगत" के वारों से !!
रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए ! |
सुन्दर चित्रण नहीं गुलामी, सदा हम यूँ याद करे !
जियें प्रतिदिन देश की खातिर, विश्व में सम्मान बढ़े !!
आज दिन है संयोगी, समय प्रेम की धारा का !
सुबह बढ़ाओ मान देश का, दिनभर वीरां प्यारे का !!