الأربعاء، 14 أغسطس 2019

रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !

रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !
रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !



रक्षा का संकल्प, मातृभूमि से करना चाहिए !
गौरवशाली इस धरा को, गौरवपूर्ण करना चाहिए !!

आज़ादी अधिकार हमारा, लगता प्राणों से प्यारा हैं !
फिरंगी को देश से भागकर, फिर तिरंगा लहराया है !!


रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !
माताओं ने दे दी क़ुरबानी अपने लालों की 



माताओं ने दे दी क़ुरबानी, अपने लालों की !
समझ न पाया देश हमारा, बातें फुट-बंटवारे की !!

गाँधी जी ने मार्ग अहिंसा का, यूँ ही अपनाया था !
जवानों की क़ुरबानी को, अपने मन से नकारा था !!


रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !
मातृ भूमि को वीरों और शहीदों का सम्मान मिला !

जंग ए आज़ादी को हर तरफ से मान मिला !
भारत भूमि को वीरों और शहीदों का सम्मान मिला !!

मात मिली हैं हमकों, सदा अपने ही गद्दारों से !
रहा देश का मान, "तिलक" "भगत" के वारों से !!

रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !
रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !



सुन्दर चित्रण नहीं गुलामी, सदा हम यूँ याद करे !
जियें प्रतिदिन देश की खातिर, विश्व में सम्मान बढ़े !!

आज दिन है संयोगी, समय प्रेम की धारा का !
सुबह बढ़ाओ मान देश का, दिनभर वीरां प्यारे का !!


रक्षा का संकल्प मातृभूमि से करना चाहिए !
सुबह बढ़ाओ मान देश का, दिनभर वीरां प्यारे का !


मान बढ़े अभिमान बढ़े, बढ़े प्रेम की रसधारा !
रक्षासूत्र बांधे बहना और तिलक लगाए प्यारा सा !!

संस्कारों की इस धरा पर, आज उठी अंगड़ाई हैं !
धरती के इस स्वर्ग को पाकर, भारत माता भी मुस्काई है !!

هناك تعليق واحد:

  1. मातृभूमि के प्रति सभी की जिम्मेदारी होनी आवश्यक है।

    ردحذف

amazon

नादान बने क्यों बेफिक्र हो ?

नादान बने क्यों बेफिक्र हो ? नादान बने क्यों बेफिक्र हो,  दुनिया जहान से !   हे सिर पे बोझ भी तुम्हारे,  हर लिहाज़ से !!  विनम्रत...